नरसिंह चालीसा ( Narasimha Chalisa In Hindi PDF ) भगवान नरसिंह को समर्पित एक प्रकार की भक्तिमय प्रार्थना है। भगवान विष्णु के चौथे अवतार है भगवान नरसिंह। नरसिंह चालीसा का पाठ अगर सच्चे मन से जाप किया जाये तो भगवान नरसिंह उसके जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करते है और संकट से उनकी रक्षा करता है। आज इस पोस्ट में Narasimha Chalisa शुद्ध हिंदी भाषा में उपलब्ध करवाई गयी है। तो चलिए शुरू करते है।
Narasimha Chalisa In Hindi PDF
नरसिंह चालीसा
मास वैशाख कृतिका युत हरण मही को भार ।
शुक्ल चतुर्दशी सोम दिन लियो नरसिंह अवतार ।।
धन्य तुम्हारो सिंह तनु, धन्य तुम्हारो नाम ।
तुमरे सुमरन से प्रभु , पूरन हो सब काम ।।
नरसिंह देव में सुमरों तोहि ,
धन बल विद्या दान दे मोहि ।।1।।
जय जय नरसिंह कृपाला
करो सदा भक्तन प्रतिपाला ।।2।।
विष्णु के अवतार दयाला
महाकाल कालन को काला ।।3 ।।
नाम अनेक तुम्हारो बखानो
अल्प बुद्धि में ना कछु जानों ।।4।।
हिरणाकुश नृप अति अभिमानी
तेहि के भार मही अकुलानी ।।5।।
हिरणाकुश कयाधू के जाये
नाम भक्त प्रहलाद कहाये ।।6।।
भक्त बना बिष्णु को दासा
पिता कियो मारन परसाया ।।7।।
अस्त्र-शस्त्र मारे भुज दण्डा
अग्निदाह कियो प्रचंडा ।।8।।
भक्त हेतु तुम लियो अवतारा
दुष्ट-दलन हरण महिभारा ।।9।।
तुम भक्तन के भक्त तुम्हारे
प्रह्लाद के प्राण पियारे ।।10।।
प्रगट भये फाड़कर तुम खम्भा
देख दुष्ट-दल भये अचंभा ।।11।।
खड्ग जिह्व तनु सुंदर साजा
ऊर्ध्व केश महादष्ट्र विराजा ।।12।।
तप्त स्वर्ण सम बदन तुम्हारा
को वरने तुम्हरों विस्तारा ।।13।।
रूप चतुर्भुज बदन विशाला
नख जिह्वा है अति विकराला ।।14।।
स्वर्ण मुकुट बदन अति भारी
कानन कुंडल की छवि न्यारी ।।15।।
भक्त प्रहलाद को तुमने उबारा
हिरणा कुश खल क्षण मह मारा ।।16।।
ब्रह्मा, बिष्णु तुम्हे नित ध्यावे
इंद्र महेश सदा मन लावे ।।17।।
वेद पुराण तुम्हरो यश गावे
शेष शारदा पारन पावे ।।18।।
जो नर धरो तुम्हरो ध्याना
ताको होय सदा कल्याना ।।19।।
त्राहि-त्राहि प्रभु दुःख निवारो
भव बंधन प्रभु आप ही टारो ।।20।।
नित्य जपे जो नाम तिहारा
दुःख व्याधि हो निस्तारा ।।21।।
संतान-हीन जो जाप कराये
मन इच्छित सो नर सुत पावे ।।22।।
बंध्या नारी सुसंतान को पावे
नर दरिद्र धनी होई जावे ।।23।।
जो नरसिंह का जाप करावे
ताहि विपत्ति सपनें नही आवे ।।24।।
जो कामना करे मन माही
सब निश्चय सो सिद्ध हुई जाही ।।25।।
जीवन मैं जो कछु संकट होई
निश्चय नरसिंह सुमरे सोई ।।26।।
रोग ग्रसित जो ध्यावे कोई
ताकि काया कंचन होई ।।27।।
डाकिनी-शाकिनी प्रेत बेताला
ग्रह-व्याधि अरु यम विकराला ।।28।।
प्रेत पिशाच सबे भय खाए
यम के दूत निकट नहीं आवे ।।29।।
सुमर नाम व्याधि सब भागे
रोग-शोक कबहूं नही लागे ।।30।।
जाको नजर दोष हो भाई
सो नरसिंह चालीसा गाई ।।31।।
हटे नजर होवे कल्याना
बचन सत्य साखी भगवाना ।।32।।
जो नर ध्यान तुम्हारो लावे
सो नर मन वांछित फल पावे ।।33।।
बनवाए जो मंदिर ज्ञानी
हो जावे वह नर जग मानी ।।34।।
नित-प्रति पाठ करे इक बारा
सो नर रहे तुम्हारा प्यारा ।।35।।
नरसिंह चालीसा जो जन गावे
दुःख दरिद्र ताके निकट न आवे ।।36।।
चालीसा जो नर पढ़े-पढ़ावे
सो नर जग में सब कुछ पावे ।।37।।
यह श्री नरसिंह चालीसा
पढ़े रंक होवे अवनीसा ।।38।।
जो ध्यावे सो नर सुख पावे
तोही विमुख बहु दुःख उठावे ।।39।।
“शिव स्वरूप है शरण तुम्हारी
हरो नाथ सब विपत्ति हमारी “।।40।।
चारों युग गायें तेरी महिमा अपरम्पार ।
निज भक्तनु के प्राण हित लियो जगत अवतार ।।
नरसिंह चालीसा जो पढ़े प्रेम मगन शत बार ।
उस घर आनंद रहे वैभव बढ़े अपार ।।
नरसिंह चालीसा का पाठ करने की सही विधि
भगवान नरसिंह की पूजा करने के लिए कुछ विशेष विधि का पालन करना आबश्यक है। भगवान नरसिंह को प्रसन्न करने के लिए विशेष विधि-विधान से पूजा किया जाता है। भगवान नरसिंह को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित विधियों का प्रयोग करें।
- प्रातः काल स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान नरसिंह की प्रतिमा स्थापित करें।
- भगवान की प्रतिमा पर पुष्प माला चढ़ाये।
- भगवान नरसिंह को पुष्प अर्पित करें।
- भगवान नरसिंह को प्रसाद का भोग लगाए।
- अब भगवान नरसिंह की चालीसा पाठ आरम्भ करें।
- भगवान नरसिंह से अपने कष्टों निवारण के लिए प्रार्थना करें।
- अंत में भगवान नरसिंह की प्रतिमा को प्रणाम करे।
- अंत में प्रसाद को लोगो में वितरित करे दे और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।
नरसिंह चालीसा के पाठ से होने वाले लाभ
सदैव किसी भी देवी-देवता की पूजा अर्चना एक सच्चे भक्त के द्वारा बिना किसी स्वार्थ के ही पूर्ण की जाती है। यदि आप भी नरसिंह जी वंदना बिना किसी लोभ के सम्पन्न करते है, तो भगवान नरसिंह आपको बिना कुछ मांगे, आपकी हर इच्छा पूर्ण करते है। भगवान नरसिंह जी की आरधना करने से निम्न लाभ प्राप्त होते है –
- आपके जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती है।
- इस पाठ को करने से आपके अंदर की नाकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
- यदि आप नरसिंह चालीसा का रोजाना 11 बार पाठ करते है, तो आपको अत्यंत चमत्कारी प्रभाव और फलदायी परिणाम मिलते है।
- इसका पाठ करने से दुःख दरिद्रता दूर होती है।
- इस पाठ को करने से ग्रह-बाधा और प्रेत-बाधा का नाश होता है।
- यह पाठ करने से आपके मन में आंतरिक शांति की प्राप्ति होती है।
- इस पाठ को करने से सदैव आप सकारात्मक विचार से परिपूर्ण रहते है।
- नरसिंह चालीसा का पाठ करने से आप भय और चिंता से मुक्त रहते है।
- आप पर सदैव नरसिंह भगवान की कृपा बनी रहती है।
- आप सदैव कष्टों से दूर रहते है और भगवान नरसिंह आपकी हर मनोकामना अवश्य ही पूर्ण करते है।
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