प्रसिद्ध गणेश आरती – Jai dev jai dev Jai Mangal Murti Lyrics – जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति – भक्त इस आरती को बुधवार के दिन गणपति पूजा या गणेश उत्सव के दौरान गाते हैं। यह आरती से घर में पवित्र ऊर्जा का संचार होता है। तो चलिए शुरू करते है (jai dev jai dev lyrics)।
Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti Lyrics
जयदेव जयदेव जय मंगल मूर्ति लिरिक्स सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची कंठी झलके माल मुकताफळांची जय देव जय देव कोरस: जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा चंदनाची उटी कुमकुम केशरा हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया जय देव जय देव कोरस: जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति जय देव जय देव लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना दास रामाचा वाट पाहे सदना संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना जय देव जय देव कोरस: जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति जय देव जय देव….. कोरस: घालीन लोटांगण आरती घालीन लोटांगण, वंदीन चरण डोळ्यांनी पाहीन रुप तुझें प्रेमें आलिंगन, आनंदे पूजिन भावें ओवाळीन म्हणे नामा कोरस: त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बंधुक्ष्च सखा त्वमेव त्वमेव विध्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देवदेव कोरस: कायेन वाचा मनसेंद्रीयेव्रा, बुद्धयात्मना वा प्रकृतिस्वभावात करोमि यध्य्त सकलं परस्मे, नारायणायेति समर्पयामि कोरस: अच्युतं केशवं रामनारायणं, कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं, जानकीनायकं रामचंद्र भजे हरे राम हर राम, राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti Lyrics
॥ श्री गणेशाची आरती ॥ शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को जय जय जय जय जय कोरस: जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता जय देव जय देव अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी जय देव जय देव जय जय जय जय जय कोरस: जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता जय देव जय देव भावभगत से कोई शरणागत आवे संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे कोरस: जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता जय देव जय देव
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उपसंहार – आशा है आपको आज की पोस्ट (Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti Lyrics – जयदेव जयदेव जय मंगल मूर्ति लिरिक्स ) से लाभ हुआ होगा। श्री गणेश की कृपा से आपके जीवन की सभी संकट दूर हो। यदि आप विधिपूर्वक श्री गणेश जी की पूजा करते है तो आपके जीवन की सभी बिघ्न नाश हो जाते है, आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होते है । अगर आपको इस लेख से लाभ हुआ है, तो कृपया एक कमेंट कर हमें प्रोत्साहित करें।
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