Khandana Bhava Bandhana Lyrics In Hindi – खण्डन भव बन्धन जग वन्दन Lyrics PDF

खंडन-भव-बंधन (Khandana Bhava Bandhana Lyrics In Hindi) श्री रामकृष्ण- आरात्रिक भजन स्वामी विवेकानन्द द्वारा लिखित प्रार्थना संगीत है। यह प्रार्थना संगीत 19वीं सदी के हिंदू धार्मिक गुरु रामकृष्ण परमहंस को समर्पित है। यह प्रार्थना संगीत की रचना 1898 ई. में हुई थी।

Khandana Bhava Bandhana Lyrics In Hindi
Khandana Bhava Bandhana Lyrics In Hindi

Khandana Bhava Bandhana Lyrics In Hindi

खण्डन भव बन्धन जग वन्दन Lyrics

खण्डन भव बन्धन जग वन्दन वन्दि तोमाय।
निरञ्जन नर-रूप-धर निर्गुण गुणमय॥

मोचन अघदूषण जगभूषण चिद्घनकाय।
ज्ञानाञ्जन-विमल-नयन वीक्षणे मोह जाय॥

भास्वर भाव-सागर चिर-उन्मद प्रेम-पाथार।
भक्तार्जन-युगल चरण तारण-भव-पार॥

जृम्भित-युग-ईश्वर जगदीश्वर योगसहाय।
निरोधन समाहितमन निरखि तव कृपाय॥

भञ्जन-दुःखगञ्जन करुणाघन कर्म-कठोर।
प्राणार्पण जगत-तारण कृन्तन-कलिडोर॥

वञ्चन-कामकाञ्चन अतिनिन्दित-इन्द्रियराग।
त्यागीश्वर हे नरवर देहपदे अनुराग॥

निर्भय गतसंशय दृढ़निश्चय-मानसवान।
निष्कारण-भकत-शरण त्यजि जाति-कुल-मान॥

सम्पद तव श्रीपद भव-गोष्पद-वारि यथाय।
प्रेमार्पण समदरशन जगजन-दुःख जाय॥

नमो नमो प्रभु वाक्य-मनातीत मनोवचनैकाधार।
ज्योतिर ज्योति उजल-हृदिकन्दर तुमि तमो-भञ्जन हार॥

धे धे धे लंग रंग भंग बाजे अंग संग मृदंग 
गाहिछे छन्द भकतवृन्द आरति तोमार॥

जय जय आरति तोमार हर हर आरति तोमार
शिव शिव आरति तोमार॥

खण्डन भव बन्धन जग वन्दन वन्दि तोमाय॥

जय श्रीगुरुमहाराज्जि कि जय॥

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