Sawan Somwar 2023: Monday Vrat Katha In Hindi | सोमवार व्रत कथा PDF [FREE Download]

Monday special – सोमवार व्रत (Monday Vrat Katha In Hindi) – सोमवार का दिन शिव भक्तों के लिए बहुत महत्व होता है। इस दिन भक्त उपबास रहकर शिव जी की व्रत रखते है और व्रत कथा सुनते है।

Monday Vrat Katha In Hindi
Monday Vrat Katha In Hindi

भगवान भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। जो भी व्यक्ति सच्चे मन से शिव लिंग पर एक लोटा जल चढ़ाता है, शिव भी प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं। मान्यता है कि सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा और व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। सावन भगवान शिव का पसंदीदा महीना है। सावन सोमवार व्रत (Sawan Somwar 2023) करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। आज इस लेख में आप जानेंगे (Monday Vrat Katha In Hindi) सोमवार व्रत कथा , व्रत विधि। तो चलिए शुरू करते है सोलह सोमवार व्रत कथा pdf – 16 somvar vrat katha pdf .

Monday Vrat Katha In Hindi | सोमवार व्रत कथा

एक समय की बात है, किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके पास बहुत धन था। लेकिन उसके निःसंतान होने के कारण साहूकार दुखी था। साहूकार प्रत्येक सोमवार को व्रत (Monday Vrat Katha In Hindi) रखकर शिव-पार्वती की पूजा करता था। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर पार्वती ने शिव से साहूकार की इच्छा पूरी करने का अनुरोध किया। शिव ने कहा, ‘हे पार्वती! साहूकार का भाग्य में यही लिखा है।’

साहूकार की भक्ति देखकर पार्वती जी ने महादेव से प्रार्थना की – साहूकार की मनोकामना पूरी करने के लिए। माता पार्वती के अनुरोध पर, शिवजी ने महाजन को एक पुत्र का आशीर्वाद दिया, लेकिन साथ ही कहा कि पुत्रसंतान का आयु केवल बारह वर्ष तक का ही होगा। साहूकार माता पार्वती और भगवान शिव की बातचीत सुन रहे थे। इस बात से वह न तो खुश थे और न ही दुखी। वह पहले की तरह भोलेनाथ की पूजा करता रहा।

कुछ समय बाद साहूकार के घर एक पुत्र का जन्म हुआ। जब बालक ग्यारह वर्ष का हुआ तो उसे शिक्षा के लिए काशी भेजा गया। साहूकार ने बच्चे के मामा को बुलाया और बहुत सारा धन दिया और कहा कि तुम मेरे पुत्र को काशी ले जाओ विद्या दिलाने के लिए और रास्ते में यज्ञ करते हुए जाना। जहां भी आप यज्ञ करें वहां जाकर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें। दोनों मामा-भांजे ने यज्ञ किया और ब्राह्मणों को दान देते हुए काशी की ओर चल पड़े।

रात के समय किसी नगर में एक राजा की कन्या का विवाह हो रहा था। लेकिन जिस राजकुमार से उसकी विवाह होने वाली थी वह एक आंख से काना था। राजकुमार के पिता ने अपने पुत्र के बहरे होने की बात छुपाने के लिए एक तरकीब सोची। साहूकार के पुत्र को देखकर उसके मन में एक विचार आया की इसे दूल्हा बनाकर राजकुमारी से विवाह करा दूं , उसके बाद इसे बहुत सारे धन देकर विदा करा दूंगा।

जैसा सोचा बैसा ही काम किया, साहूकार की बेटे को दूल्हे का बस्त्र पहनाकर राजकुमारी के साथ बिबाह करा दिया। लेकिन साहूकार का पुत्र को यह बात उचित नहीं लगी। उसने अवसर पर राजकुमारी के चुन्नी पर लिखा, ‘तुमने मुझसे विवाह तो कर लिया है, परंतु जिस राजकुमार के साथ तुम्हें भेजा जाएगा वह एक आंख से काना है। मैं तो काशी पढ़ने जा रहा हूं। जब राजकुमारी ने चुन्नी पर लिखे शब्द पढ़े तो इसकी जानकारी अपने माता-पिता को दी।

यह बात सुनते ही राजा ने अपनी पुत्री को विदा नहीं किया, जिससे बारात वापस लौट गयी। दूसरी ओर साहूकार के पुत्र अपने मामा के संग काशी पहुंचकर यज्ञ किया। और इसी दिन ही साहूकार का पुत्र 12 वर्ष का हुआ। बालक अपने मामा से कहता है मुझे अच्छा महसूस नहीं हो रहा है। मामा ने अंदर जाकर सोने के लिए कहता है। कुछ ही देर में भगवान शिव की वरदानुसार बालक के प्राण निकल गए। मृत भांजे को देख मामा विलाप करने लगा।

संयोगवश उसी समय भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती उधर से गुजर रहे थे। पार्वती जी ने अपने स्वामी महादेव से कहा – हे स्वामी, मुझे इसके रोने की आवाज सहन नहीं हो रही है। आप इस व्यक्ति का कष्ट दूर करें। शिवाजी मृत बालक के पास गये तो उन्होंने कहा, यह साहूकार का बेटा है, जिससे मैंने 12 वर्ष की आयु बरदान दिया था। अब इसकी आयु समाप्त हो गया।

लेकिन माता पार्वती मातृ भाव से अभिभूत हो गईं और बोलीं – हे महादेव, कृपया इस बालक को और आयु दें, अन्यथा इस बालक के वियोग में इसके माता-पिता भी तड़प-तड़प कर मर जाएंगे। माता पार्वती के अनुरोध पर भगवान भोलेनाथ ने उस बालक को जीवन दान दिया। भगवान भोलेनाथ की कृपा से बालक जीवित हो गया।

शिक्षा समाप्त के बाद मामा-भांजे अपने नगर की ओर चल दिए। चलते-चलते उसी नगर में पहुँचे, जहाँ उसका विवाह हुआ था। उस नगर में भी उन्होंने यज्ञ का आयोजन किया। बहा राजकुमारी के पिता इस बालक को पहचान लिया और राजमहल में लेकर आये। उसकी बहुत खातिरदारी कि और इस बालक के साथ अपनी पुत्री को विदा किया।

इधर अपने पुत्र के प्रतीक्षा में साहूकार और उसकी पत्नी भूखे-प्यासे दिन गिनते रहे। उन्होंने अपने पुत्र के मृत्यु समाचार मिलते ही अपने प्राण को त्याग देंगे ऐसा प्रण लिए थे। लेकिन पुत्र जीबित होने के समाचार मिलते ही बह लोग आनंदित हो गए।

उसी रात भगवान भोलेनाथ साहूकार को स्वप्ना दिया की – हे श्रेष्ठ, तुम्हारा सोमवार व्रत रखने से और व्रत कथा सुनने से प्रसन्न होकर मैंने तुम्हारे पुत्र को लंबी आयु प्रदान की है। इसी प्रकार जो सोमवार का व्रत (Monday Vrat Katha In Hindi) करता है या व्रत कथा सुनता और पढ़ता है, उसके सभी कष्टों का नाश होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। सोमवार व्रत (Monday Vrat Katha In Hindi) कथा समाप्त।

और पड़िये – 16 Somwar Vrat Vidhi, Vrat Katha PDF In Hindi – सोलह सोमवार व्रत विधि, व्रत कथा PDF

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Monday Vrat Vidhi In Hindi | सोमवार व्रत विधि

भक्त शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए सोमवार का व्रत रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी के विवाह में समस्या आ रही है तो उसे सोमवार का व्रत करना चाहिए। अगर कोई नौकरी, आर्थिक समस्या या संतानहीनता के कारण पारिवारिक समस्याओं से परेशान है तो उसे सोमवार का व्रत (Monday Vrat Katha In Hindi) करना चाहिए। अगर शिवजी का सोमवार व्रत विधिपूर्वक किया जाए तो भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। तो चलिए जानते है सोमवार व्रत विधि

  • सोमवार व्रत के दिन सुबह स्नान के बाद स्वच्छ बस्त्र धारण करे।
  • शिवलिंग पर शुद्ध कच्चे दूध अर्पित करें।
  • शुद्ध घी, शहद, दही शिवलिंग पर अर्पित करें।
  • गंगाजल अर्पित करें
  • शिवलिंग पर चन्दन का तिलक लगाए।
  • बेलपत्र, पुष्प – अपराजिता, धतूरा, आक, माला, नैबेद्य अर्पित करें।
  • शुद्ध घी का दिया, सुगन्धित धुप से आरती करें।
  • अब कर्पूर से आरती करें।
  • अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए भगबान भोलेनाथ के सामने सच्चे मन से प्रार्थना करें।
  • सोमवार व्रत कथा पाठ करें।
  • भगवान शंकर को अर्पित किए गए दूध, दही,शहद चरणामृत के रूप में ग्रहण करें।
  • प्रसाद बितरण करें और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।
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Monday Vrat Katha In Hindi | सोमवार व्रत कथा PDF

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उपसंहार – आशा है आपको आज की पोस्ट (Monday Vrat Katha In Hindi) से लाभ हुआ होगा। भगवान शिव की कृपा से आपके जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो जाएं। यदि आप विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा करेंगे तो आपके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी, आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी। यदि आपको इस लेख से लाभ हुआ है, तो कृपया एक कमेंट कर हमें प्रोत्साहित करें।

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