Saraswati Chalisa Lyrics In Hindi – सरस्वती चालीसा हिंदी में PDF – सरस्वती पूजा 2024

सरस्वती चालीसा – Saraswati Chalisa Lyrics In Hindi – देवी सरस्वती को विद्या और कला का देवी माना जाता हैं। इसलिए विद्यार्थियों और कला से जुड़े ब्यक्ति नियमित रूप से सरस्वती चालीसा का पाठ करें तो बहुत शुभ फल प्राप्त होता है। आज इस पोस्ट में जानेंगे सरस्वती चालीसा लिखित में, सरस्वती चालीसा का महत्व, सरस्वती चालीसा पड़ने के फायदे और सरस्वती चालीसा हिंदी में PDF. चलिए शुरू करते है।

Saraswati Chalisa Lyrics In Hindi PDF | सरस्वती चालीसा हिंदी में PDF
Saraswati Chalisa Lyrics In Hindi PDF | सरस्वती चालीसा हिंदी में PDF

Saraswati Chalisa Lyrics In Hindi

श्री सरस्वती चालीसा

॥ दोहा ॥
जनक जननि पद कमल रज, निज मस्तक पर धारि।
बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥
पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु।
रामसागर के पाप को, मातु तुही अब हन्तु॥

॥ चौपाई ॥

जय श्री सकल बुद्धि बलरासी। जय सर्वज्ञ अमर अविनासी॥ 
जय जय जय वीणाकर धारी। करती सदा सुहंस सवारी॥
रूप चतुर्भुजधारी माता। सकल विश्व अन्दर विख्याता॥
जग में पाप बुद्धि जब होती। जबहि धर्म की फीकी ज्योती॥

तबहि मातु ले निज अवतारा। पाप हीन करती महि तारा॥
बाल्मीकि जी थे बहम ज्ञानी। तव प्रसाद जानै संसारा॥
रामायण जो रचे बनाई। आदि कवी की पदवी पाई॥
कालिदास जो भये विख्याता। तेरी कृपा दृष्टि से माता॥

तुलसी सूर आदि विद्धाना। भये और जो ज्ञानी नाना॥
तिन्हहिं न और रहेउ अवलम्बा। केवल कृपा आपकी अम्बा॥
करहु कृपा सोइ मातु भवानी। दुखित दीन निज दासहि जानी॥
पुत्र करै अपराध बहूता। तेहि न धरइ चित सुन्दर माता॥

राखु लाज जननी अब मेरी। विनय करूं बहु भांति घनेरी॥
मैं अनाथ तेरी अवलंबा। कृपा करउ जय जय जगदंबा॥
मधु कैटभ जो अति बलवाना। बाहुयुद्ध विष्णू ते ठाना॥
समर हजार पांच में घोरा। फिर भी मुख उनसे नहिं मोरा॥

मातु सहाय भई तेहि काला। बुद्धि विपरीत करी खलहाला॥
तेहि ते मृत्यु भई खल केरी। पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥
चंड मुण्ड जो थे विख्याता। छण महुं संहारेउ तेहि माता॥
रक्तबीज से समरथ पापी। सुर-मुनि हृदय धरा सब कांपी॥

काटेउ सिर जिम कदली खम्बा। बार बार बिनवउं जगदंबा॥
जग प्रसिद्ध जो शुंभ निशुंभा। छिन में बधे ताहि तू अम्बा॥
भरत-मातु बुधि फेरेउ जाई। रामचंद्र बनवास कराई॥
एहि विधि रावन वध तुम कीन्हा। सुर नर मुनि सब कहुं सुख दीन्हा॥

को समरथ तव यश गुन गाना। निगम अनादि अनंत बखाना॥
विष्णु रूद्र अज सकहिं न मारी। जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥
रक्त दन्तिका और शताक्षी। नाम अपार है दानव भक्षी॥
दुर्गम काज धरा पर कीन्हा। दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥

दुर्ग आदि हरनी तू माता। कृपा करहु जब जब सुखदाता॥
नृप कोपित जो मारन चाहै। कानन में घेरे मृग नाहै॥
सागर मध्य पोत के भंगे। अति तूफान नहिं कोऊ संगे॥
भूत प्रेत बाधा या दुःख में। हो दरिद्र अथवा संकट में॥

नाम जपे मंगल सब होई। संशय इसमें करइ न कोई॥
पुत्रहीन जो आतुर भाई। सबै छांड़ि पूजें एहि माई॥
करै पाठ नित यह चालीसा। होय पुत्र सुन्दर गुण ईसा॥
धूपादिक नैवेद्य चढावै। संकट रहित अवश्य हो जावै॥

भक्ति मातु की करै हमेशा। निकट न आवै ताहि कलेशा॥
बंदी पाठ करें शत बारा। बंदी पाश दूर हो सारा॥
करहु कृपा भवमुक्ति भवानी। मो कहं दास सदा निज जानी॥

॥ दोहा ॥

माता सूरज कान्ति तव, अंधकार मम रूप।
डूबन ते रक्षा करहु, परूं न मैं भव-कूप॥

बल बुद्धि विद्या देहुं मोहि, सुनहु सरस्वति मातु।
अधम रामसागरहिं तुम, आश्रय देउ पुनातु॥

सरस्वती चालीसा का महत्व

देवी सरस्वती ज्ञान और कला की देवी हैं। मां सरस्वती की कृपा से व्यक्ति का जीवन सुख-समृद्धि से परिपूर्ण हो जाता है। सरस्वती चालीसा की कृपा से विद्या, बुद्धि, विवेक और धन की प्राप्ति होती है। नियमित रूप से सरस्वती चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति समाज में सम्मान का पात्र बनता है, सरस्वती चालीसा के प्रभाव से अज्ञानता भी ज्ञान का दीपक जला देती है।

सरस्वती चालीसा के फायदे

श्रीसरस्वती चालीसा का नियमित पाठ करने से मां सरस्वती की कृपा से ज्ञान प्राप्त होती है। ज्ञान का प्रकाश मानव जीवन में सुख और समृद्धि लाता है। आइए जानते हैं सरस्वती चालीसा का पाठ करने से और क्या फायदे होते हैं।

  • प्रसिद्धि और धन की प्राप्ति – नियमित रूप से सरस्वती चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है, जिससे समाज के हर क्षेत्र में उसकी प्रसिद्धि और धन में वृद्धि होती है।
  • ज्ञान का प्रकाश प्राप्ति – व्यक्ति अंधकार से निकलकर ज्ञान की ओर बढ़ता है। ज्ञान की रोशनी में हर कठिन परिस्थिति आसान हो जाती है।
  • बुद्धि प्राप्ति – मां सरस्वती बुद्धि और वाक्पटुता की देवी हैं। नियमित रूप से सरस्वती चालीसा का पाठ करने से आत्मज्ञान मिलता है। व्यक्ति और जन्म कुंडली में बुध बहुत मजबूत होता है।
  • कला में निपुणता प्राप्ति – मां सरस्वती अपने हाथों में पुस्तक और कमल रखती हैं और अपने अन्य दो हाथों में वीणा नामक संगीत वाद्ययंत्र रखती हैं, जो कला का प्रतीक माना जाता है। देवी की आराधना से कला में निपुणता प्राप्त होती है।
  • छात्रों को ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है – छात्रों को सरस्वती चालीसा का पाठ करना चाहिए, इससे मन को एकाग्र करने में मदद मिलती है।
  • असफलताएं होती हैं दूर – सरस्वती चालीसा का पाठ करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और असफलता, अज्ञानता दूर हो जाते है।

Saraswati Chalisa Lyrics In Hindi PDF [Download]

उपसंहार – आशा है आपको आज की पोस्ट (Saraswati Chalisa Lyrics In Hindi) से लाभ हुआ होगा। माँ सवस्वती की पूजा आराधना करने से मां सरस्वती की कृपा से ज्ञान प्राप्त होती है और ज्ञान का प्रकाश मानव जीवन में सुख और समृद्धि लाता है । यदि आपको इस लेख से लाभ हुआ है, तो कृपया एक कमेंट कर हमें प्रोत्साहित करें।

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